Thursday, January 6, 2022

वोट और वोटर

 वोटर पहले जाति के आधार पर वोट देते हैं, और फिर प्रश्न करते हैं कि नेता ने काम क्यों नहीं किया ! पार्टी भी किसी भी क्षेत्र में टिकट बांटते वक्त सबसे पहले जातीय समीकरण को ही आधार बनाती हैं। अगर जाति और धर्म से ही प्रतिनिधि चुनना है तो फिर काम ना होने पर प्रश्न भी नहीं करना चाहिए। अगर आपको ये गलत लग रहा है किसी भी पार्टी की पुरानी लिस्ट उठा कर पढ़ लीजिए , फिर चाहे वो पिछड़ी सीट हों या साधारण..!


उदाहरण के तौर पर, हमें याद हैं पिछला विधानसभा चुनाव का वो दौर, हमारे घर के पास एक हाउस हेल्प रहती थीं जब उनसे,पूछा गया कि उनके विचार में कौन सही हैं, तो उन्होंने सरल शब्दों में यही बोला हम जैसे लोग के लिए जो काम करेगा हम उन्हीं को ना वोट देंगे बहिनजी जी हम जैसे लोग का ध्यान रख सकती हैं और वहीं हमे अपना समझती भी हैं..!


आम तौर पर लोगो में धारणा भी हैं कि अपने जाति के ही लोग आपके लिए आपके बुरे समय में खड़े रह सकते हैं । जब आप ठाकुर होकर ठाकुर को ही वोट देकर मोहल्ले में क्लीनिक और सरकारी स्कूल की बात करते हैं तो आप गलत हैं.! आप कहते हैं काम पर चुनाव होगा , होता होगा पर वोट विकास पर नहीं दिलाता है वोट,

आप पंडित हैं ना सर तो पंडित को ही देंगे, कोई जानने की कोशिश भी नहीं करता हैं कि उनकी शिक्षा, क्राइम हिस्ट्री (सबकी होती है और इसमें कोई दो राय नहीं है ) पिछले सामाजिक कार्य क्या थे,पर प्रश्न आप जरूर करेंगे,करना भी चाहिए क्योंकि ये आपका मौलिक अधिकार हैं..! 


पर वोटर होने का अधिकार का आपने खुद कितना फायदा उठाया है, क्या आपने खुद वोट देते वक्त उम्मीदवारों के बारे में कुछ भी जानना चाहा, यूपी,बिहार जैसे राज्य में या देश के अधिकांश चुनावों में वोट ये देख कर दिया जाता है कि हमारी बुआ या फिर मोहल्ले की एक तेरहवीं में विधायक जी आए थे,वो काफी मिलनसार हैं , हमारा भी अब उनसे जान पहचान हो गया है, वो जहां मिलते हैं तो बात भी कर लेते हैं,उनको ही वोट देंगे..!


इक्कीसवीं सदी में होते हुए भी ये सब क्यों लेकिन यह कहना मुश्किल है पर अगर आगामी बिहार चुनाव में भी एक बार जाति और धर्म का चस्मा पहन कर चुनाव हुआ तो बिहार एक गहरे गड्ढे में चला जाएगा..! उन्हें ये तो पता हैं की वो विकास चाहते हैं पर कौन उनको शिक्षा,स्वास्थ्य, रोजगार, और मूलभूत सुविधाएं देगा या दे सकता है ये समझना थोड़ा कठिन हो जाता है..!


धर्म और जाति की चादर विकास को धुआं कर देती हैं । वो आप ही हैं जो सब कुछ बदल सकते हैं और ये अधिकार आपसे कोई भी छीन नहीं सकता..!


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