कुछ ऐसे थे हमारे शास्त्री जी........!
शास्त्री जी ने मां को नहीं बताया था कि वो देश के रेल मंत्री हैं..!
कहा था कि "मैं रेलवे में नौकरी करता हूं"।
वह एक बार किसी रेलवे के कार्यक्रम में आए थे जब उनकी मां भी वहां पूछते-पूछते पहुंची कि मेरा बेटा भी आया है,वह भी रेलवे में है।
लोगों ने पूछा क्या नाम है जब उन्होंने नाम बताया लाल बहादुर शास्त्री तो सब चौंक गए " बोले यह झूठ बोल रही है"!
पर वह बोली, "नहीं वह आए हैं"।।
लोगों ने उन्हें लाल बहादुर शास्त्री जी के सामने ले जाकर पूछा," क्या वही है?"
तो मां बोली "हां वह मेरा बेटा है"
लोग मंत्री जी से दिखा कर बोले "क्या वह आपकी मां है"
तब शास्त्री जी ने अपनी मां को बुला कर अपने पास बिठाया और कुछ देर बाद घर भेज दिया।।
तो पत्रकारों ने उनसे पूछा "आपने मां के सामने भाषण क्यों नहीं दिया"..?
तो वह बोले---
मेरी मां को यह नहीं पता कि मैं रेलमंत्री हूं।। अगर उन्हें पता चल जाएगा तो वह लोगों की सिफारिश करने लगेगी और मैं कभी मना भी नहीं कर पाऊंगा।..... और उन्हें अहंकार भी हो जाएगा..!
जवाब सुनकर सब सन्न रह गए..!!
"आज कहां गए लोगों की निःस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले,सच्चे और ईमानदार लोग"..!
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