आईएएस - आईपीएस धरती के भगवान
पूजा सिंघल के बहाने...
आईएएस - आईपीएस धरती के भगवान हैं... आपके पास जादुई छड़ी होती है। आपके लिए सब कुछ संभव है। आपके एक कॉल पर जिला हिलता है । आपकी सलाह से सरकारें चलती हैं। सचमुच आप भगवान हैं...
भगवान जी आप किस्मत और कर्म के धनी हैं। सिर्फ एक परीक्षा पास करते हैं और समाज के सबसे बड़े बुद्धिमान समझे जाते हैं। आप की हनक और ठसक से हर कोई वाकिफ है। नाम सिविल सर्वेंट है, लेकिन ठसक सामंत वाली रखते हैं। मॉडर्न जमाने के राजा तो आप ही लोग हैं।
अगर आप आईएएस -आईपीएस हैं, तो आप भगवान हैं... आपके पिताजी भी वीसी बन सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद आयोग के सदस्य बन सकते हैं। आपकी पत्नी संस्थान का डायरेक्टर बन सकती है। आप सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल खोल सकते हैं। आप 10 बीघा में मछली पालन कर सकते हैं। आप बड़े निजी स्कूलों की लाइन लगा सकते हैं। आपका भाई नेशनल चैनल का पत्रकार बन सकता है। आप चैनल के पत्रकारों को मैगजीन के नाम पर 5-5 करोड़ का विज्ञापन देकर भैया बन सकते हैं।
आपके बेटे मोइनुल हक स्टेडियम में नहीं, अमेरिका के न्यूयॉर्क में टेनिस की ट्रेनिंग ले सकते हैं। आपके बेटे पटना के सरकारी स्कूल में नहीं रजवाड़ों के सिंधिया स्कूल में पढ़ सकते हैं।
आप चाहे तो नौकरी छोड़कर मंदिर मस्जिद के सेक्रेटरी -डायरेक्टर बन सकते हैं । रिटायरमेंट के बाद भी आप किसी संस्थान के महानिदेशक बन सकते हैं। आपके नाक के नीचे करोड़ों रुपए का घोटाला होगा, लेकिन लालू यादव की तरह आप जेल नहीं जा सकते। रिटायरमेंट के बाद आप खुद वीसी बन सकते हैं। आपके जैसे बाल बुतरू को पढ़ाने वाले प्रकांड प्रोफेसर साहब लोग भले ही वीसी न बने, लेकिन आप चुटकी बजाकर वीसी बन सकते हैं।
रिटायरमेंट के बाद आप ब्लैक मनी को ह्वाइट मनी करने के लिए बाबा बन सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद आप गांधीजी की धरोहर का सीईओ बन सकते है। आप पर भले ही सूचना छिपाने का आरोप लगता है, लेकिन रिटायरमेंट के बाद आप सूचना आयुक्त बन सकते हैं । जीवन भर अधिकारों का हनन करने के बावजूद, आप मानवाधिकार का सदस्य बन सकते हैं । आपकी पत्नी बड़का साहित्यकार बन सकती हैं और धड़ल्ले से किताबें छप सकती हैं।
सचमुच, अगर आप आईएएस- आईपीएस हैं , तो भगवान हैं...आपका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। आप अखबारों में आराम से छपवा सकते हैं कि कैश सिर्फ 24000 है और मारुति -800 कार पर चलते हैं। पत्रकारों की इतनी हिम्मत कहां कि आपसे पूछे कि महाराज, दिल्ली वाला तीनों फ्लैटवा किसके नाम से है। अयोध्या और नोएडा वाला प्लॉट किसके नाम से है। धरती के भगवान आपसे कोई पूछ ही नहीं सकता कि कौन सी फैक्ट्री में नोट छापे की चार -चार गो फ्लैट हो गया। आपका वेतन प्रोफेसर के बराबर ही होता है लेकिन प्रोफेसर साहब प्रोफ़ेसर ही रह जाते हैं और आपके पास अथाह संपत्ति...
भगवान आपकी संपत्ति की जांच कोई कर ही नहीं सकता। किसकी हिम्मत है? नेता की? कभी नहीं। आप दोनों का रिश्ता इतना मजबूत होता है कि कोई कुछ कर ही नहीं पायेगा आप दोनों में दामाद- ससुर का भी रिश्ता होता है। अब भला ससुर अपने दामाद की जांच कैसे करा सकते हैं।
आपकी महिमा अपरंपार है। एक क्लर्क बेचारा ट्रांसफर के लिए 10 साल से तड़पते रहता है और आप तो दूसरे स्टेट से नौकरी करके भी आ सकते हैं । आपकी गोटी आपके पुरखों ने बहुत बढ़िया से सेट किया है भगवान।
सचमुच, अगर आप आईएएस- आईपीएस हैं , तो भगवान हैं। आपके लिए सब कुछ संभव है.... आपके नाम के साथ सिविल सर्वेंट जुड़ा हुआ है लेकिन आप सर्वेंट थोड़े हैं। आप तो मालिक हैं। हाकिम हैं। संविधान ने आपको सर्वेंट बनाया लेकिन आप तो हाकिम बन कर और तन कर बैठे रहते हैं । आप मालिक के रूप में दिखते हैं और जनता सर्वेंट के रूप में दिखती है। जनता में इतनी हिम्मत कहां है कि आपको सर्वेंट बोले। जनता तो बेचारी है। फिर भी आपको शर्माने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आप धरती के भगवान हैं।
सचमुच, अगर आप आईएएस- आईपीएस हैं , तो भगवान हैं। आपके लिए सब कुछ संभव है....
भगवान आप दारोगा को भी फोन करते हैं, तो बाबू कह कर बात करते हैं, क्योंकि थाना तो आप 5-5 लाख में बेचते हैं। आप बालू माफियाओं के साथ बालू -बालू खेल सकते हैं। आप प्रेमिकाओं की लाइन लगा सकते हैं। रेप तक कर सकते हैं । कोई कुछ साबित नहीं कर सकता। आपकी दोस्ती और रिश्तेदारी के आगे पूरी दुनिया नतमस्तक है। आप की कलाबाजी के आगे भी पूरी दुनिया नतमस्तक है। अखबारों में धड़ल्ले से छपता है- 4 करोड़ का फ्लैट 14 करोड़ की संपत्ति... लेकिन कोई यह नहीं पूछ सकता कि इतनी संपत्ति आयी कहां से ? क्या किसी प्रोफेसर के पास नौकरी में आने के बाद इतनी संपत्ति होती है महाराज! वेतन तो आप दोनों का बराबर होता है न...
भगवान आपने एक प्रतियोगिता परीक्षा पास की, दुनिया की सारी परीक्षाएं पास नहीं की। लेकिन आप खुद को सर्वज्ञाता समझते हैं। आप बहुत ब्रिलियंट रहते, तो कोई आविष्कार करते। नया प्रयोग करते। सामाजिक बदलाव लाते। लेकिन आप में नैतिक बल है कहाँ? सरकार कह रही है कि दहेज बंद करो और आप खुद दो करोड़ दहेज लेकर शादी किए हैं । सरकार कहती है कि शिक्षा में सुधार लाएंगे और आपका बेटा कान्वेंट में पढ़ता है। सरकार कहती है कि बेरोजगारी दूर करेंगे और आपकी एजेंसी सरकारी ऑफिसों में संविदा कर्मियों को रखवाती है।
हे भगवान! हे आर्यपुत्र ! क्या आपको शर्म नहीं आती। सारा भ्रष्टाचार आप से ही शुरू होता है। आप अगर ठीक हो जाएं, तो नीचे का सिस्टम दुरुस्त हो जाए। लेकिन आपको तो पूजा सिंघल बनने में मजा आता है....